Computer Fundamental

कंप्यूटर क्या है? What is Computer?

  • कंप्यूटर को हिंदी में "संगणक" कहा जाता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होती है जो डेटा को प्रोसेस करने, स्टोर करने, और उसका उपयोगकर्ता द्वारा निर्दिष्ट तरीके से प्राप्त करने में सक्षम होती है। कंप्यूटर एक प्रकार का गणना यंत्र होता है जो विभिन्न प्रकार के कार्यों को सम्पादित करने के लिए प्रोग्राम के अनुसार निर्दिष्ट गणना प्रणालियों का उपयोग करता है।
  • "कंप्यूटर" शब्द का उत्पत्ति अंग्रेजी शब्द "computer" से हुआ है, जो लैटिन शब्द "computare" से आया है, जिसका अर्थ होता है "गणना करना" या "समझना"।
  • Charles Babbage को "कंप्यूटर के पिता" कहा जाता है क्योंकि उन्होंने विभिन्न मेकेनिकल डिवाइस और गणना मशीनों का विकास किया, जो आगामी कंप्यूटरों के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

  • विभिन्न गणना मशीनों का विकास: Charles Babbage ने 19वीं सदी के शुरुआती दशकों में Difference Engine और Analytical Engine जैसी विभिन्न गणना मशीनों का विकास किया। Difference Engine और Analytical Engine की डिज़ाइनों में वे निष्कर्षित करने में सक्षम रहे थे जो अनुक्रमिक गणना को संभव बनाने में सहायक हुए।

  • प्रोग्रामेबल गणना मशीन (Analytical Engine): इनकी सबसे महत्वपूर्ण योगदान में से एक Analytical Engine थी, जिसे उन्होंने विचार और डिज़ाइन किया। यह मशीन प्रोग्राम करने की क्षमता रखती थी और इसे प्रथम 'वास्तविक' कंप्यूटर के रूप में जाना जाता है, जिसमें गणना, मेमोरी, और कंट्रोल इकाई शामिल थे।

  • आधुनिक कंप्यूटर विज्ञान की धाराओं में पहली कड़ी: चार्ल्स बैबेज के कार्य ने आधुनिक कंप्यूटर विज्ञान की मुख्य धाराओं को प्रेरित किया, जैसे कीबोर्ड, स्टोरेज, और प्रोग्रामिंग भाषाओं की विकास।

  • इस प्रकार, Charles Babbage को "कंप्यूटर के पिता" कहा जाता है क्योंकि उनके योगदान ने कंप्यूटिंग तकनीकी में एक महत्वपूर्ण पट्टी डाली और उसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • कंप्यूटर में, प्रोसेस एक चल रही कार्यक्रम या टास्क को संकेत देता है जिसे CPU या अन्य हार्डवेयर के माध्यम से प्रोसेस किया जा रहा होता है। प्रत्येक प्रोसेस में, डेटा को प्रोसेस करने के लिए आवश्यक संसाधनों का उपयोग किया जाता है।

 

 

 

  • कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो डेटा को स्वीकार करने, store करने, process करने और डेटा को परिणामों में परिवर्तित करने की क्षमता रखता है। इसमें संग्रहीत तथ्यों को शीघ्रता एवं सटीकता से संसाधित करने की क्षमता है, जिसके कारण इसे "तेज़ कैलकुलेटर" भी कहा जाता है।
  • कम्प्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो उपयोगकर्ता द्वारा इनपुट किये गए डेटा को प्रोसेस करके सूचनाओ को परिणाम के रूप में प्रदान करता है , अर्थात कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए परिणामों का पालन करती हैं। इसमें डेटा को स्टोर, सुधारने और प्रोसेस करने की क्षमता होती है।
  • कंप्यूटर User द्वारा Input किये गए डाटा को Process करके परिणाम को Output के रूप में प्रदान करता हैं 
     “The Data Input Process by Computer User by Output results are provided as “
  • कम्प्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) को कहा जाता है,  चार्ल्स बैबेज जन्म लंदन में हुआ था
  • विजय पांडुरंग भाटकर (Vijay Pandurang Bhatkar) भारतीय सुपर कंप्यूटर के पिता के रूप में लोकप्रिय हैं।
  • पहले कंप्यूटर का आविष्कार चार्ल्स बैबेज (1822) ने किया था लेकिन 1991 तक इसका निर्माण नहीं हुआ था! एलन ट्यूरिंग ने कंप्यूटर विज्ञान का आविष्कार किया। ENIAC (1945) पहला इलेक्ट्रॉनिक सामान्य प्रयोजन वाला डिजिटल कंप्यूटर था
  • फ्रांस्वा गर्नले (Francois Gnarley) ने दुनिया के पहले "पर्सनल कंप्यूटर" (1973) माइक्रोनल एन का आविष्कार किया
  • Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Educational Research
  • कंप्यूटर के भागों का नाम – Computer parts Name in Hindi 

  • प्रोसेसर – Micro Processor.
  • मदर बोर्ड – Mother Board.
  • मेमोरी – Memory.
  • हार्ड डिस्क – Hard Disk Drive.
  • मॉडेम – Modem.
  • साउंड कार्ड – Sound Card.
  • मॉनिटर – Monitor.
  • की-बोर्ड माउस – Keyboard/Mouse.

Computer को दो भागो में बाटा गया है –

  • Hardware
  • Software

Hardware

  • कंप्यूटर के ऐसे parts जिन्हें हम छू सकते है, , उन्हें physical components कहा जाता है। जो की बाहरी तौर पर हमें दिखाई देते है या ऐसा कहे की भौतिक रूप से यही कंप्यूटर होता है। जैसे Keyboard, Mouse, RAM, ROM, Processor, Printer, etc.
  • यह दो प्रकार के होते है Internal और External हार्डवेयर।

Software

  • कंप्यूटर सॉफ्टवेयर को हम स्पर्श नहीं कर सकते है केवल महसुस कर सकते है।
  • GUI के माध्यम से उन्हें देख सकते है और कंप्यूटर हार्डवेयर की सहायता से उसे चला सकते है।
  • सॉफ्टवेयर मशीन की भाषा में लिखी गई ऐसी बहुत सारी कमांड्स होती हैं जो की इनपुट डिवाइस के द्वारा कंप्यूटर को दी जाती हैं।
  • कंप्यूटर मशीन भाषा को समझता हैं  “बहुत सारी commands से program बनता है और बहुत सारे program से software बनता है।” इसकी मदद से हम अपने कार्य को आसानी से पूरा कर सकते है।
Input Mouse या Keyboard (Input device) द्वारा दिए गए  Instruction को Input कहा जाता है।
Process CPU या Processor द्वारा की जाने वाली Processing प्रक्रिया को Process कहा जाता है, यह पूरी तरह internal process है।
Output  Monitor या Printer (Output Device) द्वारा दिए गए result को Output कहा जाता है।
Storage Result को Hard Disk या अन्य मीडिया डिवाइस में स्टोर करता है।

 

History of computer


  • पहला कंप्यूटर का नाम ABACUS (Abundant Beads, Addition and Calculation Utility System) रखा गया। यह एक यांत्रिक (mechanical) डिवाइस है।
  • इसका अविष्कार 2400 ई. पू. में एक चीनी द्वारा किया गया।
  • Abacus में लकड़ी की फ्रेम होती है,
  • इसमें metal की rod में मोतियों को डाला जाता है और कुछ नियमो द्वारा इसका उपयोग calculation करने के लिए किया जाता है।
  • अबेकस से पहले, लोगों के पास गणितीय गणना के लिए एकमात्र तरीका था वह अपनी हाथ उंगलियां और पैर की उंगलियां और पत्थर का उपयोग करते थे।
  • यह जोड़, गुणा, घटाव, विभाजन, वर्गमूल और घनमूल आदि प्रकार की गणना करता है।
    सदियों पहले इसका उपयोग यूरोप, चीन और रूस में किया जाता था। फिर बाद में यह हिंदू-अरबी अंक प्रणाली में उपयोग हुआ।

Napier’s bone एक गणना करने योग्य यंत्र है इसको चलने के लिए हाथों का उपयोग किया जाता है।
इसको मर्चिस्टन के जॉन नेपियर द्वारा 1550-1617 में संचालित किया गया था।
इस calculation device को metal की rod, लकड़ी और हाथी के दांत से डिज़ाइन किया गया था।
इसलिए इसका नाम नेपियर बोन रखा गया था।
इसका उपयोग लघुगणक (algorithm) के लिए किया जाता था और यह मशीन Computer history में दशमलव बिंदु का उपयोग करने वाली पहली मशीन थी।


Pascaline 17 वीं शताब्दी की शुरुआत में गणितज्ञ-दार्शनिक ब्लेज़ पास्कल ने 1642-1644 के बीच एक mechanical calculator का अविष्कार किया।
जिसका नाम Pascaline रखा गया और इसे arithmetic machine या Pascal’s calculator भी कहा जाता है।
यह एक mechanical और automatic calculator है, उन्होंने इसका अविष्कार उनके पिता की मदद करने के लिए किया था। क्योंकि उनके पिता रुआन में एक tax accountant थे।

इस मशीन का उपयोग दो संख्याओं को सीधे जोड़ने और घटाने और बार-बार जोड़ने या घटाने के माध्यम से गुणा और भाग करने के लिए किया गया।


Stepped reckoner या Leibniz calculator इसका अविष्कार 1672 के आसपास किया गया और 1694 में पूरा हुआ। Stepped reckoner या Leibniz calculator एक डिजिटल मैकेनिकल कैलकुलेटर था।
जोकि जर्मन गणितज्ञ गॉटफ्रीड विल्हेम लिबनीज द्वारा बनाया गया।
इसका अविष्कार pascal calculator में सुधार करने के लिए किया गया।
यह पहला कैलकुलेटर था जोकि सभी प्रकार चार अंकगणितीय ऑपरेशन (arithmetic operations) कर सकता था।


Difference engine

History of Computer के 1820 की शुरुआत से Charles Babbage ने Difference engine का अविष्कार किया था, जोकि 1822 तक पूरा हुआ था।

Difference engine एक mechanical computer है जो भाप द्वारा चलाया जाता है।
यह संख्याओं के कई sets की गणना करने और उनकी हार्डकॉपी बनाने के योग्य थी।
लेकिन पैसे की कमी के कारण Charles Babbage मशीन को पूरा नहीं कर पाए।

इस मशीन को पूरा करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने मदद की क्योंकि वह जानती थी की यह मशीन ज्यादा समय लेने वाली और महंगी मशीन थी।
उन्हें उम्मीद थी की difference engine कार्य को अधिक किफायती बना देगा।

Who is the father of Computer? कंप्यूटर का पिता कौन है?

Charles Babbage को कंप्यूटर का पिता कहा जाता है। यह इंग्लिश पॉलीमैथ, गणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्कारक और मैकेनिकल इंजीनियर थे।
Babbage ने Digital programmable कंप्यूटर की कल्पना की थी।

इन्होंने Difference engine के बाद 1837 में first modern computer “Analytical engine” का आविष्कार किया था।
Analytical engine में basic flow control, integrated memory और ALU (arithmetic logical unit) मौजूद थे।
कई बार पैसों की कमी के कारण, यह कंप्यूटर नहीं बनाया गया था। दुर्भाग्यपूर्ण Charles Babbage अपने जीवनकाल में आपने आविष्कार को पूरा नहीं किया,
लेकिन उनके महान विचारों और कंप्यूटर के प्रति अवधारणाओं बहुत पक्की थी।
इसलिए उन्हें father of computer बना दिया।

बैबेज के छोटे बेटे, हेनरी बैबेज ने 1910 में मशीन के एक हिस्से को पूरा किया और फिर उसे basic calculation करने योग्य बनाया था।
1991 में लन्दन के साइंस म्यूज़ियम में चार्ल्स बैबेज को शामिल किया गया उस दौरान उन्होंने मशीन का कार्य पूरा किया और Analytical engine 2 का निर्माण किया था।


Tabulating machine

Tabulating machine को Hollerith Tabulating machine भी कहा जाता है,
क्योंकि इसका निर्माण 1890 में Herman Hollerith एक अमेरिकन स्टैटिस्टिशन द्वारा किया गया था।

यह electromagnetically machine थी। इसमें डाटा को punch card में स्टोर किया जाता था और डाटा को electronically sort और count किया जाता था।

Tabulating machine का उपयोग 1890 में अमेरिका की जनगणना करने के लिए किया गया, जो सफल था।

फिर Herman Hollerith ने tabulating machine कंपनी की स्थापना की जिसका नाम बाद में IBM (International Business Machine) रखा गया।

यँहा से history of computer में IBM company की शुरुवात हुई।
जोकि आज दुनिया में सबसे प्रसिद्ध और सफल कंप्यूटर कंपनी में एक है।
इसको Big Blue के नाम से भी जाना जाता है।


Differential Analyzer

यह पहला आधुनिक एनालॉग कंप्यूटर था। Differential analyzer का आविष्कार 1930 में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में वननेवर बुश नाम के एक इंजीनियर ने किया था।

इसका उपयोग विभेदक समीकरणों (differential equations) के कुछ वर्गों को हल करने के लिए किया जा सकता था जोकि भौतिक और इंजीनियरिंग में उपयोग किये जाने वाली एक कठिन समस्या थी।

इस मशीन में गणना करने के लिए electric signals को vacuum tube द्वारा स्विच किया जाता था। यह कुछ ही मिनटों में 20 से अधिक गणना कर सकता था।


Mark 1 Computer

यह कंप्यूटर History of computer में एक बड़ा बदलाव लाया, जब पहला programmable digital computer बनाया गया।
नवंबर 1937 में Harvard University के प्रोफेसर Howard Aiken ने इस मशीन को विकसित करने की योजना बनाई थी।

Mark 1 computer को 1944 में IBM और Harvard के बीच भागीदारी द्वारा इसको बनाया गया था।
यह पहला fully functional computer माना गया।
इसमें इनपुट और आउटपुट के लिए तीन paper-tape readers, दो card readers, एक punch card और
दो type writers का उपयोग किया गया था।

Howard Aiken द्वारा अगले कुछ सालों में ऐसी तीन मशीनो को विकसित किया गया।
जिनको Mark 2Mark 3 और Mark 4 नाम दिया गया था।
Aiken को first fully automatic large-scale calculator विकसित करने का श्रेय भी दिया गया था।


नीचे कंप्यूटर के इतिहास को बिन्दुओं के आधार पर बताया गया हैं:-

  • 2400 ईसा पूर्व अबेकस का अविष्कार हुआ था.
     
  • 1800 ईसा पूर्व अल्गोरिथ्म (algorithm) को विकसित किया गया.
     
  • 200 ईसा पूर्व में जापान में कंप्यूटिंग ट्रे (computing tray) का इस्तेमाल शुरू हुआ.
     
  • वर्ष 1624 में हीडबर्ग विश्वविद्यालय के विल्हेम सिकार्ड ने कैलकुलेटर-घड़ी का आविष्कार किया.
     
  • वर्ष 1642 में पेरिस के ब्लेज पास्कल ने पहले डिजिटल कंप्यूटर का अविष्कार किया.
     
  • वर्ष 1822 में चार्ल्स बैबेज के द्वारा पहले यांत्रिक कंप्यूटर (mechanical computer) को विकसित किया गया.
     
  • वर्ष 1876 ई. में अलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार किया.
     
  • वर्ष 1886 में विलियम बरौग ने यांत्रिकीय गणना मशीन को विकसित किया.
     
  • वर्ष 1931 में जर्मनी के कोनार्ड ज्यूस ने सबसे पहला कैलकुलेटर बनाया।
     
  • वर्ष 1940 में टेलीविजन में रंगीन (coloured) प्रसारण शुरू हुआ.
     
  • वर्ष 1948 में IBM के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर का निर्माण किया गया.
     
  • वर्ष 1953 में प्रिंटर को विकसित किया गया.
     
  • वर्ष 1958 में सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का अविष्कार किया गया.
     
  • वर्ष 1968 में पहले मिनी कंप्यूटर (PDP-8) को विकसित किया गया.
     
  • 1972 में INTEL ने माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण किया.
     
  • 1977 में apple ने  पर्सनल कंप्यूटर का निर्माण किया.
     
  • 1980 में अमेरिका में 10 लाख से भी ज्यादा कंप्यूटर हो गये थे.
     
  • 1983 में अमेरिका में कंप्यूटर की संख्या 1 करोड़ से भी ज्यादा हो गयी थी.
     
  • 1985 में अमेरिका में कंप्यूटर की संख्या 3 करोड़ से भी ज्यादा हो गयी थी.
     
  • वर्ष 1992 में माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का अविष्कार किया.

Generation of Computer

First Generation computer in Hindi (पहली पीढ़ी के कंप्यूटर)

  • पहली पीढ़ी के कंप्यूटर साइज़ में काफी बड़े हुआ करते थे। आप इनके size (आकार) का अन्दाज़ा इसी बात से लगा सकते है कि इन कंप्यूटर को रखने के लिए एक कमरे की ज़रूरत पड़ती थी।
     
  • पहली पीढ़ी की शुरुआत 1940 में हुई और इसका अंत 1956 में हुआ।
     
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में कांच के बने वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था। इनमें हजारों की संख्या में वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता था इसलिए इन कंप्यूटरों का आकार बहुत बड़ा होता था।
     
  • पहली पीढ़ी के कंप्यूटर इतने advance और modern नहीं हुआ करते थे। इनमे काफी कमियां थी। ये कंप्यूटर काम करते वक़्त जल्दी गर्म हो जाया करते थे और reliable (विस्वश्नीय) नहीं हुआ करते थे।
     
  • पहली पीढ़ी के कंप्यूटर का उपयोग गणना करने, डेटा को स्टोर करने, और वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाता था।
     
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में मुख्य रूप से batch processing ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता था।
     
  • इन कम्प्यूटरों में प्रोग्रामिंग करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल काम था और ये बिजली भी बहुत खर्च करते थे।

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण

  • ENIAC
  • EDVAC
  • UNIVAC
  • IBM-701
  • EDSAC
  • IBM 650

 

Advantages of First Generation Computer in Hindi (पहली पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे)

  1. इस पीढ़ी के कंप्यूटर डाटा की calculation (गणना) बहुत तेजी से करते थे। ये millisecond में गणना कर सकते थे।
  2. उस समय वैक्यूम ट्यूब आसानी से मिल जाया करते थे।
  3. वैक्यूम ट्यूब की technology ज्यादा महंगी नहीं थी।
  4. इन कम्प्यूटरों में scientific (वैज्ञानिक) काम कर सकते थे।
  5.  इन कम्प्यूटरों में information और data को स्टोर करने की क्षमता थी।

Disadvantages of First Generation Computer in Hindi (पहली पीढ़ी कंप्यूटर के नुकसान)

  1. पहली जनरेशन के कंप्यूटर का size काफी बड़ा होता था।
  2. इस जनरेशन के computer काम करते समय काफी गर्म हो जाया करते थे।
  3. कम्प्यूटर को ठंडा रखने के लिए Air-Condition (AC) की ज़रूरत पड़ती थी।
  4. अपने बड़े आकर के कारण ये बहुत अधिक मात्रा में बिजली का इस्तेमाल करते थे।
  5. इन कंप्यूटरों को मेन्टेन करके रखना काफी ज्यादा मुश्किल होता था।
  6. ये केवल मशीन लैंग्वेज का इस्तेमाल करते थे और इसमें प्रोग्रामिंग करना भी एक कठिन कार्य था।

Second Generation Computer in Hindi (दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर)

  • कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी की शुरुआत 1956 में हुई थी और इसका अंत 1963 में हुआ था।
     
  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में transistor (ट्रांजिस्टर) का इस्तेमाल किया जाता था। ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूब के मुकाबले काफी छोटे होते थे।
     
  • ट्रांजिस्टर के कारण कंप्यूटर का साइज पहली पीढ़ी के मुकाबले छोटा हो गया। ट्रांजिस्टर के आने के बाद कंप्यूटर के क्षेत्र में काफी ज्यादा विकास हुआ।
     
  • ट्रांजिस्टर, वैक्यूम ट्यूब की तुलना में काफी सस्ते थे , size में छोटे थे , ज्यादा reliable थे , और काफी तेज काम करते थे।
     
  • इस पीढ़ी में असेंबली लैंग्वेज और हाई-लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता था।
     
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में batch processing और multi-programming ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता था।

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण –

  • UNIVAC 1108
  • CDC 1604
  • Honeywell 400CDC 3600
  • IBM 7094

Advantages of Second generation computer in Hindi (दूसरी पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे)

  1. पहली पीढ़ी की तुलना में इस पीढ़ी के कंप्यूटर का साइज़ काफी छोटा था।
  2. दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर काम करते समय जल्दी गर्म नहीं होते थे।
  3. ये अपने छोटे आकार के कारण कम बिजली ख़र्च करते थे।
  4. दूसरी पीढ़ी वाले कंप्यूटर के काम करने की speed काफी अच्छी थी। ये डाटा को microseconds में कैलकुलेट कर लेते थे।
  5. पहली पीढ़ी के मुकाबले दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों को मेन्टेन करना आसान था।
  6. पहली पीढ़ी की तुलना में दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर सस्ते थे।
  7. इनकी accuracy अधिक थी और ये reliable (विश्वसनीय) होते थे।

Disadvantages of Second generation computer in Hindi (दूसरी पीढ़ी कंप्यूटर के नुक़सान)

  1. दूसरे जनरेशन के कंप्यूटर कम गर्मी पैदा करते थे फिर भी इन्हें ठंडा रखने के लिए AC की ज़रूरत पड़ती थी।
  2. दूसरे जनरेशन के कंप्यूटर को लगातार maintain (रख-रखाव) की जरूरत पड़ती थी।
  3. इसका इस्तेमाल केवल कुछ विशेष काम को पूरा करने के लिए ही किया जाता था।
  4. पहली पीढ़ी की तरह इस पीढ़ी के कंप्यूटर भी इनपुट के लिए punch cards का प्रयोग करते थे।

Third Generation Computer in Hindi (तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर)

  • कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी की शुरुआत 1964 में हुई थी और इसका अंत 1971 में हुआ था।
     
  • तीसरी पीढ़ी आने तक कंप्यूटर के छेत्र में काफी ज्यादा विकास हो चूका था।  इस पीढ़ी में कंप्यूटर और भी ज्यादा advance और modern हो गए थे।
     
  • तीसरी पीढ़ी में computer के अंदर ट्रांजिस्टर की जगह IC (इंटीग्रेटेड सर्किट)) का इस्तेमाल किया जाता था।
     
  • IC एक तरह की चिप है जो कि सिलिकॉन से बनी हुई होती है। इसलिए इसको सिलिकॉन चिप भी कहा जाता है।
     
  • तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर काफी ज्यादा reliable (विश्वसनीय) थे।
     
  • तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की काम करने की स्पीड पिछले दोनों पीढ़ियों के कंप्यूटर से बेहतर थी।
     
  • Integrated Chip (IC) आने के कारण कंप्यूटर का साइज काफी छोटा हो गया था। इसके साथ साथ मैमोरी की क्षमता भी काफी ज्यादा बढ़ गई थी।
     
  • इस पीढ़ी में time sharing और multiprogramming ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता था।
     
  • इस पीढ़ी में हाई लेवल लैंग्वेज जैसे कि – Cobol, Pascal आदि का use किया जाता था।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण

  • IBM 370
  • PDP-11
  • UNIVAC 1108
  • Honeywell-6000
  • DEC series
  • ICL 2900

Advantages of Third generation computer in Hindi (तीसरी पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे)

  1. तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार पिछले दोनों पीढ़ियों के कंप्यूटर के मुकाबले काफी छोटा था।
  2. इस पीढ़ी के कंप्यूटर काम करते समय बहुत कम बिजली खर्च करते थे।
  3. पिछले दोनों जनरेशन की तुलना में third generation के कंप्यूटर काफी कम गर्मी पैदा करते थे। 
  4. इसमें डाटा को कैलकुलेट करने की स्पीड काफी अच्छी थी।
  5. इस कंप्यूटर को मेन्टेन करके रखना काफी आसान था।
  6. पिछले दोनों जनरेशन की तुलना में तीसरे जनरेशन के कंप्यूटर की storage क्षमता काफी ज्यादा थी।
  7. ये computers हाई लेवल भाषा को सपोर्ट करते थे।
  8. इनमें प्रोग्रामिंग करना आसान था।

Disadvantages of third generation computer in Hindi (तीसरी पीढ़ी कंप्यूटर के नुकसान)

  1. तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर भी कम गर्मी पैदा करते थे परंतु फिर भी इनको ठंडा करने के लिए AC की ज़रूरत पड़ती थी।
  2. IC चिप को बनाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
  3. इस पीढ़ी के कंप्यूटर काफी महंगे आते थे।
  4. उस जमाने में IC चिप को repair करना काफी मुश्किल हुआ करता था।
  5. IC चिप के साथ काम करने के लिए specialized workers (विशेष कार्यकर्ता) की आवश्यकता पड़ती थी।

Fourth Generation Computer in Hindi (चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर)

  • कंप्यूटर के चौथी पीढ़ी की शुरुआत 1970 में हुई थी और इसका अंत 1985 में हुआ।
     
  • कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी में IC की जगह माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाता है। माइक्रोप्रोसेसर में बहुत सारे LSI Circuit होते है।
     
  • चौथी पीढ़ी आने के बाद कंप्यूटर और भी ज्यादा आधुनिक हो गए । इस पीढ़ी के आते ही कंप्यूटर के काम करने की क्षमता और speed दोनों ही बढ़ गई।
     
  • इस जनरेशन ने computer के छोटे size में ही काफी ज्यादा features उपलब्ध करवा दिए। यानी कह सकते है कि इसका size काफी छोटा हो गया और इसके साथ-साथ कंप्यूटर के सारे features भी install हो गए।
     
  • इस पीढ़ी में real time, time sharing, और distributed ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है।
     
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर हाई लेवल लैंग्वेज जैसे कि – C, C++ आदि को सपोर्ट करते हैं।
     
  • इस पीढ़ी में  पर्सनल कंप्यूटर ( PC) का उपयोग काफी ज्यादा बढ़ गया।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण

  • Micral
  • IBM 5100
  • Altair 880

Advantages of fourth generation of computer in Hindi (चौथी पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे)

  1. चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर की speed पिछले सभी पीढ़ियों के कम्प्यूटरों की तुलना में काफी अच्छी है।
  2. इस पीढ़ी के कंप्यूटर size में काफी छोटे होते है।
  3. इन कम्प्यूटरों को maintain करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
  4. ये कंप्यूटर सस्ते होते हैं और आसानी से उपलब्ध हो जाते है।
  5. इन कम्प्यूटरों को बहुत कम AC की ज़रूरत पड़ती है। क्योंकि ये बहुत कम गर्मी पैदा करते है।
  6. इस पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत ज्यादा reliable हैं और ये हाई लेवल लैंग्वेज को सपोर्ट करते हैं।

Disadvantages of fourth generation computer in Hindi (चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर)

  1. इस जनरेशन में microprocessor का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन माइक्रोप्रोसेसर को बनाना मुश्किल काम है।
  2. Microprocessor को बनाने के लिए बहुत advance technology की ज़रूरत पड़ती है।

Fifth Generation Computer in Hindi (पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर)

  • पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर अभी तक सभी पीढ़ियों से बेहतर और advance (आधुनिक) है। आप इस बात का अंदाज़ा इस चीज़ से लगा सकते है कि ये कंप्यूटर बिलकुल इंसानो की तरह ही व्यहवार करते है।
     
  • पांचवीं पीढ़ी में AI (Artificial Intelligence) तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
     
  • वर्तमान समय में कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी चल रही है और यह कंप्यूटर की आखरी पीढ़ी है।
     
  • इस पीढ़ी में हाई लेवल भाषा जैसे कि – C, C++, Java, और .Net आदि का उपयोग किया जाता है।
     
  • पाँचवी पीढ़ी के कंप्यूटर का इस्तेमाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में, मनोरंजन के क्षेत्र में, और रोबोट बनाने में  किया जाता है। आजकल game के छेत्र में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
     
  • इन computers में सबसे ज्यादा speed पाई जाती है और इनके काम करने की क्षमता भी काफी ज्यादा है।
     
  • धीरे धीरे कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी को और भी ज्यादा विकसित किया जा रहा है। ताकि यह और भी ज्यादा advance हो सके।

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण

  • परम सुपर कंप्यूटर
  •  लैपटॉप
  • डेस्कटॉप
  • वर्क स्टेशन
  • नोटबुक

Advantages of Fifth Generation computer in Hindi (पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे)

  1. इस कंप्यूटर की speed पिछली सभी पीढ़ियों के computer के मुकाबले ज्यादा है।
  2. इन कम्प्यूटरों की repairing करना काफी ज्यादा आसान होता है।
  3. इस कंप्यूटर का size पिछले सभी पीढ़ियों के मुकाबले बहुत छोटा है।
  4. अपने छोटे size के कारण fifth generation के computer काफी हल्के होते है।
  5. पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर को maintain करके नहीं रखना पड़ता।
  6. इनको कही भी ले जाया जा सकता है जैसे कि हम अपने  लैपटॉप को कहीं भी आसानी से ले जा सकते हैं।

Disadvantages of fifth generation computer in Hindi (पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान)

  1. इस कंप्यूटर को use करने में काफी ज्यादा समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
  2. इन computers में AI यानी (Artificial intelligence) का use किया जाता है। लेकिन अभी तक AI को पूरी तरह develop नहीं किया गया है।
  3. इस जनरेशन के कम्प्यूटरों को बनाने के लिए complex (जटिल)  tool का use होता है। जो की आसानी से नहीं मिलते।

Important Points

सिद्धार्थ भारत में विकसित पहला कंप्यूटर था। यह 'इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया' द्वारा निर्मित किया गया था। इसे 16 अगस्त 1986 को बैंगलोर के मुख्य डाकघर में स्थापित किया गया था। भारत में विकसित पहला सुपर कंप्यूटर परम था।